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जनसंख्या वृद्धि : समस्या और समाधान पर निबंध - Essay on Population in Hindi

Jansankhya Vridhi Essay in Hindi : आज की इस पोस्ट में जनसंख्या वृद्धि पर निबंध "Jansankhya Vridhi par nibandh" (Essay on Population in Hindi) विस्तृत तरिके से लिखा गया है। इसमें जनसँख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध प्रस्तावना सहित, जनसँख्या वृद्धि के कारण, जनसँख्या वृद्धि की समस्या और समाधान, जनसँख्या वृद्धि के कुप्रभाव/दुष्प्रभाव दुष्परिणाम, जनसँख्या वृद्धि के लाभ, जनसँख्या वृद्धि को नियंत्रित/रोकने के उपाय एवं उपसंहार आदि बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए यह निबंध तैयार किया गया है। आप सभी के लिए यह निबंध बहुत ही हेल्पफुल साबित होगा।

जनसँख्या वृद्धि के दुष्परिणाम निबंध : प्रस्तावना

सबसे अधिक जनसंख्या के मामले में पूरे विश्व में चीन पहले पायदान पर है। उसके बाद दूसरे स्थान पर भारत हैं। जनसंख्या वृद्धि एक विकासशील देश के सामने एक चुनौती है. जिसे भारत सहन कर रहा है। भारत विकासशील देश की श्रेणी में आता है। किसी भी देश के सामने उसकी जनसंख्या वृद्धि उसके विकास के लिए बाधक होती है। जिस तरीके से भारत में जनसंख्या वृद्धि देखने को मिल रही है उसको देखते हुए ऐसा लगता है कि कुछ वर्षों बाद भारत पहले स्थान पर पहुंच जाएगा। जनसंख्या वृद्धि के कारण देश में बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं पैदा होती है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण

जनसँख्या वृद्धि क्यों होती है : जनसंख्या वृद्धि के कई कारण है। लोग परिवार नियोजन के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते हैं। उनको निरोध, गर्भनिरोधक औषधि एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नहीं होती है। लोग सोचते हैं कि जितना अधिक संतान होंगे उतनी ही परिवार को सुख सुविधाएं और सहारा मिलेगा। अधिक संतान होगी तो अधिक कमाई करेगी। लेकिन इसके विपरीत अधिक संतान के खर्चे भी अधिक होते हैं। उनका जीवन यापन कठिन होता है। ऐसे अनेक कारण हैं जो संक्षेप में निम्न प्रकार हैं:-
  • अशिक्षा
  • बाल विवाह
  • सामाजिक दबाव
  • मृत्यु दर में कमी
  • रूढ़िवादी विचारधारा
  • बढ़ती जन्म दर
  • पुत्र मोह
  • जीवन प्रत्याशा में वर्दी
  • बढ़ती हुई आप्रवासन

जनसंख्या वृद्धि के दुष्प्रभाव/दुष्परिणाम

जनसँख्या वृद्धि के नुकसान/कुप्रभाव : जनसंख्या वृद्धि के कई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। जनसंख्या वृद्धि से पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और जो कि भविष्य के लिए बहुत हानिकारक है। जनसंख्या वृद्धि होने से लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए अधिकाधिक जल, भोजन, वायु आदि का इस्तेमाल करते हैं जो कि भविष्य के लिए खतरा है। जनसंख्या वृद्धि होने से लोगों को मूलभूत सुविधाएं जैसे जल, भोजन, चिकित्सा, शिक्षा आदि पर्याप्त नहीं मिल पाते हैं। अस्पतालों में मरीजों की लाइन लग जाती है। उनको समय पर इलाज नहीं मिल पाता है जिस तरीके से जनसंख्या वृद्धि देखने को मिल रही है इस हिसाब से लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो सकती। जनसंख्या वृद्धि के कारण देश में गरीबी और भुखमरी की समस्या देखने को मिलती है। देश में आज भी बहुत से लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन निर्वाह कर रहे हैं। ऐसे में देश के आर्थिक विकास की दर धीमी पड़ गई है। यदि जनसंख्या वृद्धि दर को नहीं रोका गया तो देश के विकास में यह बाधक साबित होगी और देश कभी भी विकसित देश की श्रेणी में नहीं आ पाएगा। भारत आज भी विकासशील देश की श्रेणी में आता है। जनसंख्या वृद्धि तेजी से होने से पृथ्वी पर उपलब्ध सीमित मात्रा में संसाधन के अधिकाधिक दोहन होने से भविष्य के लिए खतरा है। इस हिसाब से जनसंख्या वृद्धि दर देखने को मिली तो हमारी आगामी पीढ़ियों के लिए जल, हवा, भोजन एवं शिक्षा, चिकित्सा आदि नहीं मिल पाएगा। गरीबी, कुपोषण, प्रदूषित पर्यावरण, मूलभूत सुविधाओं में कमी, बेरोजगारी, देश का आर्थिक विकास रुकना, जीवन स्तर में कमी, पोस्टिक आहार में कमी, महंगाई बढ़ना आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।

जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उपाय

जनसँख्या वृद्धि को रोकने के उपाय : जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए हम सभी को लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करना चाहिए। लोगों को अच्छी शिक्षा दिलानी चाहिए, संतान संबंधी प्रतिबंध भी होना चाहिए। लोगों को अधिक संतान पैदा करने पर सरकारी योजनाओं से वंचित कर देना चाहिए और जुर्माना अध्यारोपित कर देना चाहिए जिससे कि जनसंख्या को नियंत्रित करने में सरकार सफल साबित हो सके। न्यूनतम विवाह योग्य आयु निर्धारित करनी चाहिए और इससे संबंधित कठोर कानून का प्रावधान होना चाहिए जिससे बाल विवाह को रोका जा सके।

उपसंहार : जनसँख्या वृद्धि एक समस्या

अंत में कहा जा सकता है कि बढ़ती जनसंख्या देश के भविष्य के लिए एक चिंता का विषय है। जिस हिसाब से जनसंख्या वृद्धि हो रही है उस हिसाब से लोगों को सुख सुविधाएं उपलब्ध करवाना नामुमकिन सा प्रतीत होता है। जब तक लोग परिवार नियोजन एवं जनसंख्या नियंत्रण को नहीं समझेंगे तब तक जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश पाना मुश्किल है। आज हम सभी को जनसंख्या वृद्धि के कारणों को अच्छी तरह से समझना चाहिए और इसको रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए जिससे कि पृथ्वी के पर्यावरण एवं वातावरण को संतुलित रखा जा सके।
आज की इस पोस्ट में जनसंख्या वृद्धि पर निबंध "Jansankhya Vridhi par nibandh" (Essay on Population in Hindi) विस्तृत तरिके से लिखा गया है। इसमें जनसँख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध प्रस्तावना सहित, जनसँख्या वृद्धि के कारण, जनसँख्या वृद्धि की समस्या और समाधान, जनसँख्या वृद्धि के कुप्रभाव/दुष्प्रभाव दुष्परिणाम, जनसँख्या वृद्धि को नियंत्रित/रोकने के उपाय एवं उपसंहार आदि बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए यह निबंध तैयार किया गया है। उम्मीद है कि आप सभी को यह पोस्ट पसंद आई होगी।
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