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दुर्गा पूजा पर निबंध - Essay on Durga Puja in Hindi

आज की इस  पोस्ट में दुर्गा पूजा पर निबंध "Durga Puja par Nibnahd" (Essay on Durga Puja in Hindi) को विस्तृत तरिके से लिखा गया है। यह निबंध एक सुशोभित तरिके से लिखा गया है। इसमें दुर्गा पूजा पर निबंध प्रस्तावना सहित, दुर्गा पूजा की विधि, दुर्गा पूजा का महत्व एवं इतिहास, दुर्गा पूजा के प्रभाव, दुर्गा पूजा पर निबंध उपसंहार आदि बिंदुओं को शामिल किया गया है। आप सभी इसको  पूरा जरूर पढ़े:-

प्रस्तावना : दुर्गा पूजा शक्ति प्राप्ति का त्यौहार

दुर्गा पूजा भारत वासियों का एक धार्मिक त्योहार है। दुर्गा पूजा को दुर्गोत्सव अथवा छठ उत्सव के नाम से भी जाना जाता है।
          दुर्गा देवी हिमालय और मेनका की पुत्री थी। यह सती का अवतार थी जिसने बाद में भगवान शिव से विवाह किया था। दुर्गा पूजा पहली बार जब भगवान राम ने रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए पूजा की थी उस समय से हर वर्ष की जाती है। यह एक पारंपरिक अवसर हैं जिस पर यह त्यौहार लोगों को भारतीय संस्कृति और परंपरा से जोड़ता हैं।
          हर साल शरद ऋतु के मौसम में दुर्गा पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। यह हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्योहार हर साल हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बहुत ही उत्साह और विश्वास के साथ मनाया जाता है। सभी लोग सांस्कृतिक और पारंपरिक तरीके से दुर्गा पूजा करते हैं।
          मां दुर्गा शक्ति का प्रतीक है। इसलिए सभी लोग उनके आगे नतमस्तक होकर उन्हें प्रणाम करते हैं तथा इस त्योहार को मनाते हैं। इस त्यौहार का आयोजन 10 दिनों तक किया जाता है जिसमें दुर्गा पूजन से लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं।

दुर्गा पूजा का इतिहास

Importance of Durga Puja : मां दुर्गा को हिमालय और मेनका की बेटी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पत्नी सती के आत्मदाह के बाद मां दुर्गा का अवतार हुआ था। उन्हें सती का दूसरा रूप कहा जाता है। दुर्गा पूजा से जुड़ी एक प्रचलित कहानी भी है जिसके अनुसार देवी सती ने दुर्गा का अवतार दिया था क्योंकि उस समय महिषासुर नाम के एक राक्षस ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया था इससे देवलोक और पृथ्वी लोक पर हंगामा हुआ था। मां दुर्गा ने 10 दिनों तक महिषासुर नामक राक्षस से युद्ध किया था और 10 वे दिन उसका वध करके उसके प्रभाव को नष्ट कर दिया था। भगवान राम ने भी रावण को मारने से पहले मां दुर्गा की पूजा की थी। इसके बाद से ही मां दुर्गा का त्योहार हर वर्ष मनाया जाने लगा। मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस से 10 दिनों तक मुकाबला किया था इसलिए 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है और दसवें दिन मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।

दुर्गा पूजा का महत्व

दुर्गा पूजा क्यों की जाती है : भारत को मातृ भक्त देश कहा जाता है। हम भारत के लोग भारत को सम्मान के साथ भारत माता के नाम से पुकारते हैं। भारत में देवी देवताओं को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। देवी दुर्गा को सभी देवी देवताओं में सबसे उच्च माना जाता हैं क्योंकि दुनिया को उनसे सभी प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती है। इसलिए मां दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए ही लोग दुर्गा पूजन का आयोजन करते हैं। दुर्गा पूजा का महत्व अन्य पूजा से अधिक माना जाता है। नवरात्रि या दुर्गा पूजा के तैयार का बहुत बड़ा महत्व होता है।
             नवरात्रि का सीधा सा अर्थ होता है - नौ रातें अर्थात नौ रातों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है दसवें दिन को विजयदशमी या दशहरा के रूप में जाना जाता है। दुर्गा पूजा 9 दिनों का त्यौहार होता है। लोग दुर्गा माता की मूर्ति की पूजा छठ से शुरू करते हैं और दशमी के दिन समाप्त करते है। समाज एवं समुदाय के लोग आसपास के क्षेत्रों में पंडाल सजाकर दुर्गा पूजा को मनाते हैं। कई लोग इन दिनों में घरों को व्यवस्थित तरीके से सजाते हैं। दुर्गा पूजा करते हैं अंतिम दिन मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन करते हैं।

दुर्गा पूजा के प्रभाव

इस त्योहार के अवसर पर लोग विभिन्न प्रकार की लापरवाही करते हैं जिसके कारण पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान होता है। मां दुर्गा की मूर्ति को बनाने और रंगने में उपयोग किए जाने वाले पदार्थ स्थानीय जल स्रोतों में बहा दिए जाते हैं जिस कारण जल प्रदूषण भी बड़े पैमाने पर देखने को मिलता है।
         सभी को इस त्यौहार के कारण होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास करना चाहिए। भक्त लोगों को मूर्ति को सीधे पवित्र गंगा जल में विसर्जित नहीं करना चाहिए और इस परंपरा का पालन करने के लिए कुछ अन्य सुरक्षित तरीके खोजने चाहिए। ना ही विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी करनी चाहिए जिससे कि अव्यवस्था फैले और प्रकृति को नुकसान हो।

उपसंहार : दुर्गा पूजा का त्यौहार

अंत में कहा जा सकता है कि कोई भी त्यौहार हो लेकिन लोगों में उत्साह और मनोरंजन जरूर लेकर आता है। लेकिन हम सभी को मिलकर इन त्योहारों को मनाने में सावधानी बरतनी चाहिए। विभिन्न प्रकार की फिजूलखर्ची से बचना चाहिए। हम सभी को दुर्गा पूजन अवश्य करना चाहिए। दुर्गा पूजा का उत्सव वास्तव में शक्ति पाने की इच्छा से मनाया जाता है। जो बुराइयों का नाश कर अच्छाई जागृत करने की शक्ति देता है। हम सभी को मानवता बरकरार रखते हुए अच्छे तरीके से सभी लोगों की तरह इस त्यौहार को मनाना चाहिए।
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आज की इस  पोस्ट में दुर्गा पूजा पर निबंध "Durga Puja par Nibnahd" (Essay on Durga Puja in Hindi) को विस्तृत तरिके से लिखा गया है। इसमें दुर्गा पूजा पर निबंध प्रस्तावना सहित, दुर्गा पूजा की विधि, दुर्गा पूजा का महत्व एवं इतिहास, दुर्गा पूजा के प्रभाव, दुर्गा पूजा पर निबंध उपसंहार आदि बिंदुओं को शामिल किया गया है। आप सभी को यह पोस्ट कैसी लगी आप मुझे कमेंट करके जरूर बताये।
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