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होली पर निबंध - Essay on Holi in Hindi

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होली पर निबंध प्रस्तावना सहित

हिंदू धर्म में आस्था एवं विश्वास रखने वालों के लिए होली का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के अनुसार होली का त्यौहार हिंदुओं का दूसरा सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहार है। वर्तमान समय में सभी धर्मों एवं वर्गों के लोग इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। यहां तक कि जो अन्य धर्म को मानते हैं वे इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह त्यौहार खुशियों को साझा करने का त्योहार है। इस दिन हर कोई एक-दूसरे को गले लगाता है और इस त्यौहार को ख़ुशी के साथ मनाता है। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है इसलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा जाता है।

होली कब मनाई जाती है?

होली का त्योहार प्रत्येक वर्ष में लगभग मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। वर्ष 2020 में होली का त्यौहार 9 मार्च को मनाया गया था। वर्ष 2021 में होली का त्यौहार 28 मार्च 2021 को रविवार की रात को होलिका दहन किया जाकर मनाया जाएगा।

होली मनाने का कारण

हिंदू धर्म में होली मनाने का एक मुख्य कारण है कि इसके पीछे पुरानी कथा है कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर हुआ करता था जो अपनी भक्ति और शक्ति के लिए बहुत प्रसिद्ध था। उसे देवताओं से एक वरदान प्राप्त था जिसके अनुसार वह कभी नहीं मर सकता। यह वरदान पाने के बाद उसमें और अधिक घमंड आ गया था और वह खुद को भगवान मानने लगा और अपनी प्रजा को खुद की पूजा करने के लिए कहता था। उसके क्रोध के कारण लोग उसकी पूजा भी करने लगे। लेकिन कुछ समय बाद हिरण्यकश्यप का एक पुत्र जिसका नाम प्रहलाद था पैदा हुआ। प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का परम भक्त बन गया था। वह अपने पिता हिरण्यकश्यप के समझाने के बावजूद भी भगवान विष्णु की यह पूजा करता था। इसलिए हिरण्यकश्यप को गुस्सा आ गया और उसने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को जान से मारने के लिए कहा। होलिका को भी एक वरदान प्राप्त था जिसके अनुसार वह किसी भी प्रकार की अग्नि में जल नहीं सकती। होलिका प्रहलाद को लेकर जलती चिता पर बैठ गई थी लेकिन प्रहलाद को भगवान विष्णु की असीम कृपा से कुछ नहीं हुआ लेकिन होलिका जलकर राख हो गई थी। जिसके बाद यह मान लिया गया था कि अच्छाई की हमेशा जीत होती है चाहे वह कितनी भी बड़ी बुराई क्यों न हो। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए मनाया जाता है उसके बाद से यह त्यौहार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली को मनाने की प्रक्रिया

हर कोई लोग होली पर बहुत ही प्रसन्न एवं उत्साहित हो जाते हैं बड़े एवं बच्चे भी बड़े ही उत्साह के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं। इस त्यौहार के अवसर पर हम अपनी उम्र के चेहरे को इस तरह चित्रित करते हैं उसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। बुजुर्ग से आशीर्वाद लेते हैं। अमीर-गरीब एवं सभी धर्मों के लोग ऊंच-नीच एवं जातिवाद के भेदभाव को भूलकर हर कोई होली की मस्ती में झूमते नजर आते हैं। लोग होली के त्यौहार की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू कर देते हैं। रंग-बिरंगे गुलाल, बाजारों में नए कपड़े और मिठाइयां लोग खरीदते हैं। होली के पहले दिन संध्या के समय होलिका दहन किया जाता है। सभी लोग होलिका दहन पर एक दूसरे को गले मिलकर होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और पूरे मोहल्ले में मिठाइयां बांटते हैं। एक दूसरे को रंग बिरंगी रंग से रंगते होते हैं। पूरे दिन रंगों के साथ खेलते हैं।

निष्कर्ष : रंगो का त्यौहार होली

होली के त्यौहार पर सभी लोग मस्ती के मूड में नजर आते हैं। मानवता बरकरार रखते हुए होली खेलनी चाहिए। रंग की बजाय गुलाल से होली खेले। जबरदस्ती किसी के साथ होली ना खेले।
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