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ईद पर निबंध - Essay on Eid in Hindi

Essay on Eid in Hindi For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 : आज की इस पोस्ट में हिंदी के अति महत्वपूर्ण टॉपिक ईद पर निबंध "Eid par Nibandh" {Essay on Eid in Hindi} पर विस्तृत तरिके से लिखा गया है। इसमें ईद पर निबंध प्रस्तावना सहित, ईद का अर्थ, ईद क्यों मनाई जाती है, ईद की कहानी, ईद का महत्व, ईद कब मनाई जाती है, ईद के प्रकार, बकरा ईद एवं मीठी ईद आदि बिंदुओं को शामिल किया गया है। आप सभी इसको पूरा जरूर पढ़ें :-

प्रस्तावना : ईद का त्यौहार

हमारे देश भारत में हर समाज के लोग रहते हैं और उनके अपने-अपने त्योहार होते हैं और उनका महत्व भी उनके लिए बहुत ही ज्यादा होता है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी खुशी को इन त्योहारों के दिन परिवार वालों एवं दोस्तों के साथ जाहिर करते हैं। यह त्योहार लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से अलग होते हैं। हम इसे बहुत खास दिन मानते हैं। इन सभी त्योहारों में से एक त्योहार ईद है जो मुस्लिम भाइयों द्वारा मनाया जाता है। उसे ईद उल फितर और ईद उल अजहा के रूप में भी जाना जाता है। अन्य भाषा में एक मीठी ईद और दूसरी बकरा ईद। इस प्रकार मुस्लिम भाइयों के लिए ईद का महत्व और बढ़ जाता है।

ईद का क्या अर्थ है?

ईद का अर्थ होता है - जश्न मनाना या त्यौहार मनाना।

ईद क्यों मनाई जाती है?

यह ईद या ईद उल 624 ईसवी से मनाया जाता रहा है। पैगंबर हजरत मोहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। इसके बाद से यह त्यौहार इस विजय की खुशी में मनाया जाता है।

ईद कितने प्रकार की होती है?

ईद दो प्रकार की होती हैं - मीठी ईद तथा बकरा ईद। 
 मीठी ईद : मीठी ईद में मीठे व्यंजन बनाए जाते हैं जिसमें सिवईया होते हैं। अपने से छोटों को ईदी देने की परंपरा भी है। लोग दान देकर अल्लाह को याद करते हैं। इस दान को इस्लाम में फितरा कहा जाता है इसलिए ईद को ईद उल फितर कहा जाता है। लोग इसमें एक दूसरे को गले मिलते हुए ईद की बधाई देते और अल्लाह से सुख और शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। मीठी ईद पर 29 और 30 वे रोजे के इफ्तार के बाद लगभग 5 से 6 मिनट बाद चांद निकल आता है। यदि मौसम साफ होता है तो चंद्रमा को कोई भी आसानी से देख सकता है। इस्लाम धर्म में लोग चांद को अपनी आंखों से देखना अच्छा मानते हैं।
 बकरा ईद : बकरा ईद को अन्य शब्दों में ईद उल अजहा के नाम से भी जाना जाता है। बकरा ईद मीठी ईद के 2 महीने बाद मनाई जाते हैं। यह त्यौहार मीठी ईद के बाद मुस्लिम समाज का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। बकरा ईद के दिन सबसे पहले नमाज पढ़ी जाती हैं। उसके बाद में बकरे या अन्य जानवर की बलि दी जाती हैं। बलि के बकरे के तीन हिस्से किए जाते हैं। इसके एक हिस्से को गरीबों को, दूसरे दोस्तों के लिए और तीसरा हिस्सा घर में इस्तेमाल किया जाता है।

ईद कब मनाई जाती है?

ईद का त्यौहार इस्लामिक महीने शकवाल की 1 तारीख को मनाया जाता है। इस महीने को मुसलमान पवित्र महीना मानते हैं। उनके द्वारा इस महीने में रोजे रखे जाते हैं वे सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते हैं। सूर्यास्त के बाद रोजा खोला जाता है। जिसे रोजा इफ्तारी कहा जाता है। रोजे के पूरे दिन कुरान शरीफ का पाठ किया जाता है और पूरे महीने नियम के अनुसार नमाज पढ़ी जाती हैं।

उपसंहार : ईद पर हिंदी निबंध

अंत में कहा जा सकता है कि चाहे कोई भी त्यौहार क्यों न हो खुशियां जरूर लेकर आता है और लोगों में एक नई चेतना और आशा भर देता है। लोग अपने जीवन की हर समस्या को भूल जाते है और इस त्यौहार की खुशी में तल्लीन हो जाते हैं। इन त्योहारों के अवसर पर हम सभी को फिजूलखर्ची से बचना चाहिए और मिलजुलकर इस त्यौहार को मनाना चाहिए और इसके महत्व को समझना चाहिए।
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