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बाल दिवस पर निबंध - Essay on Children's Day in Hindi

 Children's Day Essay in Hindi : आज की इस पोस्ट में बाल दिवस पर निबंध "Bal Diwas par Nibandh" (Essay on Children's Day in Hindi) विस्तृत तरिके से लिखा गया है। इसमें बाल दिवस का इतिहास, बाल दिवस  का महत्व, बाल दिवस  की आवश्यकता क्यों, बाल दिवस  पर प्रस्तावना एवं उपसंहार आदि बिंदुओं को  शामिल कर यह निबंध लिखा गया है।

प्रस्तावना : बाल दिवस पर हिंदी निबंध

बाल दिवस का महत्व : जन्मदिन मनाना आजकल लोगों में ट्रेंड बन गया है। हम हमारे महापुरुषों को उनके जन्मदिन पर याद कर उनके व्यावहारिक जीवन में उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करते हैं और उनके आदर्शों का गुणगान करते हैं। उनमें से एक पंडित जवाहरलाल नेहरु है जिनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को प्रतिवर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। नेहरू जी हमेशा छोटे बच्चों से प्यार करते थे। इसलिए 14 नवंबर को उनके जन्मदिन के अवसर पर बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस की नीव 1925 में रखी गई। बच्चों के कल्याण के लिए आयोजित विश्व कॉन्फ्रेंस में बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। लेकिन 1954 में इसे पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त हुई। नेहरू का मानना था कि देश के तीव्र एवं प्रभावशाली विकास के लिए बाल विकास होना जरूरी है।

बाल दिवस की आवश्यकता क्यों

बाल विकास क्यों जरुरी : आजकल देखा जाता है कि बच्चों को सही ढंग से शिक्षा नहीं मिल पाती है। उनका पालन-पोषण सही ढंग से नहीं हो पाता है और उन्हें घर परिवार और समाज के आदर्श एवं संस्कार सही ढंग से नहीं मिल पाते हैं। क्योंकि यह सब बच्चे के भविष्य को निर्धारित करते हैं। इस चिंताजनक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस में बच्चों को अच्छे संस्कार, शिक्षा के बारे में बच्चों एवं उनके माता-पिता को जागृत किया जाता है। इसमें बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य फिर पर ध्यान देने के बारे में समझाया जाता है। इन सभी को नृत्य, गाना और नाटक से मानसिक और शारीरिक क्षमता का प्रदर्शन करने से बच्चों में नए टैलेंट जागृत होते हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोग बच्चों को स्कूल भेजने की बजाय उनसे बाल श्रम करवाते हैं। यह साल दर साल बढ़ती जाती है। जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है और उनका जीवन यापन कठिन हो जाता है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए बाल दिवस पर इन बच्चों के कर्तव्य से बच्चे उनके माता-पिता को अवगत करवाने में मदद मिलती है।

उपसंहार : 14 नवंबर बाल दिवस पर निबंध

अंत में कहा जा सकता है कि बाल दिवस बच्चों को प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ने का संदेश देता ही है बल्कि इसके साथ-साथ यह देश की प्रगति में भी सहायक साबित होता है क्योंकि युवा शक्ति ही देश की रीड की हड्डी मानी जाती है। जब बाल बच्चों को उच्च शिक्षा एवं उनका पालन-पोषण सही ढंग से नहीं होगा तो देश के लिए नए जवान एवं नए कार्मिक आवश्यकतानुसार कैसे मिल पाएंगे। इसलिए हम सभी को बाल दिवस के अवसर पर लोगों को जागरूक करना चाहिए और उनकी मानसिकता में बदलाव लाना चाहिए। जिससे कि बाल बच्चे भी स्वस्थ निर्भीक और योग्य नागरिक बन सके।
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