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गणेश चतुर्थी पर निबंध - Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi : आज की इस पोस्ट में गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी भाषा में "Ganesh Chaturthi par Nibandh" (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi) विस्तृत तरिके से लिखा  गया है। इसमें गणेश पर निबंध प्रस्तावना सहित, गणेश की के प्रमुख नाम, गणेश चतुर्थी मनाने की विधि, गणेश चतुर्थी मनाने का कारण, गणेश चतुर्थी का महत्व, गणेश चतुर्थी की कहानी एवं गणेश चतुर्थी उपसंहार आदि बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत निबंध लिखा गया है।

प्रस्तावना : गणेश चतुर्थी का त्यौहार

गणेशोत्सव हिंदी निबंध : गणेश चतुर्थी भारत का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है यह हर वर्ष हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोगों द्वारा गणेश जी की पूजा की जाती है। ज्ञान और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लोग इस त्यौहार की तैयारी कुछ दिन पहले शुरू कर देते हैं। इस त्यौहार की रौनक बाजार में भी देखने को मिल जाती है। दुकानों में गणेश जी की मूर्तियां सजाई हुई होती है। उन मूर्तियों में दुकानदार लाइट लगा देते हैं. जिससे की मूर्तियां चमकने लगती हैं। गणेश जी, पार्वती और भगवान शिव जी के पुत्र हैं। गणेश चतुर्थी पर गणेश जी, शिवजी और पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय और संस्थानों में अवकाश घोषित होता है। लोग घरों में गणेश जी की पूजा करते हैं और उनको भोग चढ़ाते हैं। यह तैयार महाराष्ट्र राज्य में एक अलग ही अंदाज में देखने को मिलता है। यहां पर इस त्यौहार की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज ने की थी।

गणेश जी के 12 नाम

गणेश जी के प्रमुख नाम : गणेश जी को मुख्य रूप से 12 नामों से पुकारा जाता है। गणेश जी के प्रमुख नाम अर्थ सहित निम्न प्रकार है:-
  • सुमुख - सुंदर मुख वाले
  • एकदंत - 1 दांत वाले
  • कपिल - कपिल वर्ण वाले
  • लंबोदर - लंबे पेट वाले
  • गजकरण - हाथी के कान वाले
  • विकट - विपत्ति का नाश करने वाले
  • विनायक - न्याय करने वाले
  • गणाध्यक्ष - गुणों और देवताओं के अध्यक्ष
  • धूम्रकेतु - धुंए के रंग वाले पताका वाले
  • गजानन - हाथी के मुख वाले
  • भालचंद्र - सर पर चंद्रमा धारण करने वाले
  • विघ्ननाशक - विघ्न को खत्म करने वाले

गणेश चतुर्थी मनाने का कारण

क्यों मनाते है गणेश चतुर्थीगणेश चतुर्थी का महत्व - लोगों का मानना है कि गणेश जी हर वर्ष बहुत ही सुख और समृद्धि के साथ आते हैं और सभी लोगों के दुख दर्द दूर करते हैं। इसलिए आप पर गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त विभिन्न प्रकार की तैयारियां करते हैं। गणेश जी की मूर्ति को बाजार से खरीदते हैं और उसको प्रकाशमान करते हैं और बड़े उत्साह के साथ गणेश जी के जन्मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं। यह त्यौहार भाद्रपद महीने की शुक्ल चतुर्थी को शुरू होता है। 11 वे दिन चतुर्दशी को समाप्त हो जाता है। हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा बहुत ही शुभ मानी जाती है।

गणेश चतुर्थी मनाने की विधि

कैसे मनाये गणेश चतुर्थी :  लोग सुबह सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और लाल वस्त्र धारण करते हैं क्योंकि गणेश जी को लाल वस्त्र अधिक प्रिय लगते हैं। पूजा के दौरान गणेश जी की मूर्ति का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखा जाता है।और सबसे पहले पंचामृत में दूध से गणेश जी का अभिषेक करते हैं। उसके बाद में शहद और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। गणेश जी पर रोली और कलावा चढ़ाया जाता है। सिंदूर का तिलक लगाया जाता है। इस प्रकार मंत्रोच्चारण, आरती गाकर, हिंदू धर्म के अन्य रीति रिवाज निभाकर भक्ति गीत गाकर भगवान श्री गणेश जी की प्रार्थना करते हैं। 10 दिनों की पूजा समाप्ति के समय गणेश विसर्जन में लोगों की भारी भीड़ खुशी-खुशी से गणेश मूर्ति का विसर्जन करती है।

गणेश चतुर्थी की कहानी

भगवान गणेश जी और चंद्रमा की कहानी : यह त्यौहार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पहली बार गणेश जी का व्रत चंद्रमा ने किया था क्योंकि उन्हें गणेश ने उनको दुर्व्यवहार के लिए शाप दिया था। गणेश जी की पूजा के बाद चंद्रमा को ज्ञान और सुंदरता का आशीर्वाद दिया गया। भगवान गणेश हिंदुओं के सबसे बड़े भगवान हैं। जो अपने भक्तों को ज्ञान संबंधी आशीर्वाद देते हैं।

उपसंहार : गणेश चतुर्थी का पर्व

लोग गणेश चतुर्थी के दिन अपने घर में साफ सफाई करते हैं। इस दिन लोग गणेश जी को नए घर में प्रवेश करवा कर सारे कष्ट दूर करते हैं। गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में एक अलग ही अंदाज में मनाई जाती है। यह दिन बहुत ही पवित्र होता है। इस दिन लोग गणेश जी के गुणगान करते हैं।
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आज की इस पोस्ट में गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी भाषा में "Ganesh Chaturthi par Nibandh" (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi) विस्तृत तरिके से लिखा  गया है। इसमें गणेश पर निबंध प्रस्तावना सहित, गणेश की के प्रमुख नाम, गणेश चतुर्थी मनाने की विधि, गणेश चतुर्थी मनाने का कारण, गणेश चतुर्थी का महत्व, गणेश चतुर्थी की कहानी एवं गणेश चतुर्थी उपसंहार आदि बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत निबंध लिखा गया है। 
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