- लोकोक्ति → सहज पके सो मीठा होय
- अर्थ → उचित समय आने पर कार्य-लाभ
- लोकोक्ति → सावन हरे न भादो सूखे
- अर्थ → सदैव एक समान रहना
- लोकोक्ति → साँप भी मर जाये लाठी भी ना टूटे
- अर्थ → काम भी हो जाए और नुकसान भी न हो
- लोकोक्ति → चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात
- अर्थ → क्षणिक सुख और लंबे समय का दु:ख
- लोकोक्ति → अपना हाथ जगन्नाथ
- अर्थ → स्वयं द्वारा किया गया कार्य ही भरोसेमंद होता है
- लोकोक्ति → अक्ल बड़ी या भैंस
- अर्थ → बाहुबल से बुद्धिबल श्रेष्ठ होता है
- लोकोक्ति → अपनी ढपली अपना राग
- अर्थ → अलग-अलग मत रखना
- लोकोक्ति → खरी मजूरी-चोखा दाम
- अर्थ → मेहनत में मिले नकद दाम अच्दे होते हैं
- लोकोक्ति → न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी
- अर्थ → मूल तथ्य/कारण को समाप्त करना
- लोकोक्ति →ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया
- अर्थ → पूर्णतया असमान स्थिति होना
- लोकोक्ति → आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
- अर्थ → महान उद्देश्य से भटककर गौण उद्देश्य में लग जाना
- लोकोक्ति → एक अनार सौ बीमार
- अर्थ → आवश्यकता से बहुत कम प्राप्त
- लोकोक्ति → अँधा बाँटे रेवड़ी फिर-फिर अपनों को दे
- अर्थ → स्वार्थी द्वारा अपनों को लाभ पहुँचाना
- लोकोक्ति → अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
- अर्थ → नुकसान हो जाने के बाद पछताने से क्या लाभ
- लोकोक्ति → अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता
- अर्थ → अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता/संगठन में शक्ति है।
- लोकोक्ति → अधजल गगरी छलकत जाए
- अर्थ → ओछा व्यक्ति ज्यादा इतराता है
- लोकोक्ति → अंधे की लकड़ी
- अर्थ → एकमात्र सहारा
- लोकोक्ति → बिन माँगे मोती मिले माँगे मिले न भीख
- अर्थ → भाग्य का लिखा मिलना
- लोकोक्ति → आम के आम गुठलियों के दाम
- अर्थ → दोहरा लाभ होना
- लोकोक्ति → अपनी पगड़ी अपने हाथ
- अर्थ → अपनी इज्जत अपने हाथ
- लोकोक्ति → उलटे बाँस बरेली को
- अर्थ → उत्पत्ति क्षेत्र में उसी वस्तु का आयात
- लोकोक्ति → गेहूँ के साथ घुन भी पिसता है
- अर्थ → दोषी के साथ निर्दोष को सजा मिलना
- लोकोक्ति → अपनी करनी पार उतरनी
- अर्थ → अपना किया कार्य ही शुभ होता है
- लोकोक्ति → अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
- अर्थ → अपने घर में निर्बल भी बलवान होता है
- लोकोक्ति → आँख का अंधा नाम नैनसुख
- अर्थ → गुणों के विपरीत नाम
- लोकोक्ति → अंधे के हाथ बटेर
- अर्थ → अनायास लाभ प्राप्ति / अपात्र को स्तरीय वस्तु मिलना
- लोकोक्ति → अंधेर नगरी चौपट राजा
- अर्थ → कुप्रशासन / मूर्ख मुखिया महामूर्ख जनता
- लोकोक्ति → उलटी गंगा बहना
- अर्थ → परम्परा के विरुद्ध कार्य करना
- लोकोक्ति → ऊँची दुकान फीका पकवान
- अर्थ → दिखावा ज्यादा और वास्तविकता कम
- लोकोक्ति → ऊँट के मुँह में जीरा
- अर्थ → आवश्यकता से बहुत कम मिलना
- लोकोक्ति → अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना
- अर्थ → अपनी तारीफ खुद करना/अपनी बड़ाई आप करना
- लोकोक्ति → अभी दिल्ली दूर है
- अर्थ → लक्ष्य से दूर होना
- लोकोक्ति → अंधी पीसे कुत्ता खाय
- अर्थ → किसी के परिश्रम का अयोग्य द्वारा लाभ उठाना
- लोकोक्ति → आसमान से गिरा खजूर में अटका
- अर्थ → एक विपत्ति के बाद दूसरी विपत्ति आना
- लोकोक्ति → आगे कुआं पीछे खाई
- अर्थ → दोनों तरफ संकट
- लोकोक्ति → इन तिलों में तेल नहीं
- अर्थ → किसी भी लाभ की आशा न होना
- लोकोक्ति → एक मुँह दो बात
- अर्थ → अपनी बात से मुकर जाना
- लोकोक्ति → कानी के ब्याह में कौतक ही कौतक
- अर्थ → एक दोष के होने पर अनेक दोषों का आ जाना
- लोकोक्ति → आ बैल मुझे मार
- अर्थ → जान-बूझकर विपत्ति मोल लेना
- लोकोक्ति → कहने से कुम्हार गधे पर नहीं चढ़ता
- अर्थ → अड़ियल व्यक्ति दूसरों की सीख नहीं मानता
- लोकोक्ति → कर ले सो काम, भज ले सो राम
- अर्थ → समय रहते कार्य पूर्ण कर लेना अच्छा रहता है
- लोकोक्ति → कौआ चले हंस की चाल
- अर्थ → दुष्टों द्वारा शुभ कार्यों का दिखावा करना
- लोकोक्ति → उलटा चोर कोतवाल को डाँटे
- अर्थ → दोषी द्वारा निर्दोष पर दोषारोपण करना
- लोकोक्ति → काबुल में क्या गधे नहीं होते
- अर्थ → अपवाद हर जगह होते हैं
- लोकोक्ति → ओखली में सिर दिया तो मूसल से क्या डरना
- अर्थ → जान बूझकर ली गई मुसीबत से कैसा डरना
- लोकोक्ति → काठ की हाँडी एक बार ही चढ़ती है
- अर्थ → धोखेबाजी बार-बार नहीं चलती
- लोकोक्ति → काम का न काज का, दुश्मन अनाज का
- अर्थ → निकम्मा या कमजोर आदमी
- लोकोक्ति → काँख में छोरा शहर में ढिंढोरा
- अर्थ → वस्तु पास में और तलाश दूर-दूर तक
- लोकोक्ति → कोयले की दलाली में हाथ काले
- अर्थ → बुरों के सान्निध्य में बुरा परिणाम
- लोकोक्ति → कंगाली में आटा गीला
- अर्थ → संकट में और संकट आना
- लोकोक्ति → गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज
- अर्थ → झूठ और प्रपंच रचना
- लोकोक्ति → घर की मुर्गी दाल बराबर
- अर्थ → अपनी वस्तु या व्यक्ति की कद्र नहीं होती
- लोकोक्ति → चोर की दाढ़ी में तिनका
- अर्थ → दोषी के व्यवहार द्वारा दोष का संकेत मिलना
- लोकोक्ति →खरबूज को देखकर खरबूजा रंग बदलता है
- अर्थ → एक को देखकर दूसरे में परिवर्तन आना
- लोकोक्ति → खोदा पहाड़ निकली चुहिया
- अर्थ → अधिक परिश्रम कम लाभ
- लोकोक्ति → खूँटे के बल बछड़ा कूदे
- अर्थ → दूसरे की ताकत के भरोसे अकड़ दिखाना
- लोकोक्ति → जल में रहकर मगर से बैर
- अर्थ → समीपस्थ शक्तिशाली से शत्रुता ठीक नहीं
- लोकोक्ति → चटमंगनी पट ब्याह
- अर्थ → तत्काल कार्य करना
- लोकोक्ति → चलती का नाम गाड़ी
- अर्थ → जिसका धंधा चल निकले वही चतुर
- लोकोक्ति → छोटा मुँह बड़ी बात
- अर्थ → अपनी औकात से अधिक बात करना
- लोकोक्ति → जिसकी लाठी उसकी भैंस
- अर्थ → शक्तिशाली की विजय
- लोकोक्ति → जंगल में मोर नाचा किसने देखा
- अर्थ → ऐसे स्थान पर गुण प्रदर्शन न करें जहाँ कद्र न हो
- लोकोक्ति →जो गरजते हैं वे बरसते नहीं
- अर्थ → कथनी और करनी में अन्तर
- लोकोक्ति → झूठ के पाँव नहीं होते
- अर्थ → झूठ अधिक दिन नहीं चलता
- लोकोक्ति → ठंडा लोहा गर्म को काट देता है
- अर्थ → शांत व्यक्ति क्रोधी को नष्ट कर देता है
- लोकोक्ति → चील के घौंसले में माँस कहाँ
- अर्थ → कुछ भी शेष न बचना
- लोकोक्ति → चोरी का माल मोरी में
- अर्थ → हराम की कमाई व्यर्थ नष्ट होती है
- लोकोक्ति → चोरी और सीना जोरी
- अर्थ → एक तो अपराध उस पर भी अकड़ना
- लोकोक्ति → जैसा देश वैसा भेष
- अर्थ → परिस्थितियों के अनुरूप आचरण करना
- लोकोक्ति → जहाँ चाह वहाँ राह
- अर्थ → इच्छा शक्ति होने पर मंजिल आसान होती है
- लोकोक्ति → जितने मुँह उतनी बातें
- अर्थ → भाँति-भाँति की अपवाहें
- लोकोक्ति → ठोकर लगे तब आँख खुले
- अर्थ → कुछ खोकर ही अक्ल आती है
- लोकोक्ति → डूबते को तिनके का सहारा
- अर्थ → विपत्ति में थोड़ी मदद ही उबार देती है
- लोकोक्ति →जब तक साँस तब तक आस
- अर्थ → अंतिम क्षण तक भरोसा रखना
- लोकोक्ति → तुरन्त दान महा कल्याण
- अर्थ → शुभ कार्य में देरी कैसी
- लोकोक्ति → थोथा चना बाजे घना
- अर्थ → निकम्मा व्यक्ति अधिक डींग हाँकता है
- लोकोक्ति → दीवारों के भी कान होते हैं
- अर्थ → गोपनीय बात अधिक संवेदनशील होती है
- लोकोक्ति → जिस थाली में खाना उसी में छेद करना
- अर्थ → उपकार के बदले कृतघ्नता
- लोकोक्ति → तू डाल-डाल मैं पात-पात
- अर्थ → एक से बढ़कर दूसरा चालाक
- लोकोक्ति → दूध का दूध पानी का पानी
- अर्थ → निष्पक्ष न्याय करना
- लोकोक्ति → धोबी का कुत्ता घर का न घाट का
- अर्थ → द्विपक्षीय व्यक्ति कहीं का नहीं रहता
- लोकोक्ति → न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी
- अर्थ → असंभव शर्त रखना
- लोकोक्ति → दुधारू गाय की लात भी सहते हैं
- अर्थ → गुणी व्यक्ति की धोंस भी झेलनी पड़ती है
- लोकोक्ति → दूध का जला छाछ को भी फूँक-फूँक कर पीता है
- अर्थ → एक बार धोखा खाया व्यक्ति दुबारा सावधानी रखता है
- लोकोक्ति → बिल्ली के भाग्य से छींका टूटना
- अर्थ → अयोग्य को भी अप्रत्याशित लाभ मिलना
- लोकोक्ति → बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती
- अर्थ → बिना प्रयास के कुछ भी प्राप्त नहीं होता
- लोकोक्ति → मन चंगा तो कठौती में गंगा
- अर्थ → मन की पवित्रता सर्वोपरि
- लोकोक्ति → नाच न जाने आँगन टेढ़ा
- अर्थ → अपनी अयोग्यता का दोष दूसरों को देना
- लोकोक्ति → बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद
- अर्थ → मूर्ख किसी भी वस्तु की कद्र नहीं जानता
- लोकोक्ति → बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी
- अर्थ → होनी को कब तक टाला जा सकता है
- लोकोक्ति → विनाश काले विपरीत बुद्धि
- अर्थ → प्रतिकूल समय आने पर विवेक नष्ट होना
- लोकोक्ति → हाथ कंगन को आरसी क्या
- अर्थ → प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती
- लोकोक्ति → नंगा क्या नहाएगा, क्या निचोड़ेगा
- अर्थ → गरीब के पास खोने के लिए कुछ नहीं होता
- लोकोक्ति → मान न मान मैं तेरा मेहमान
- अर्थ → जबरदस्ती किसी के गले पड़ना
- लोकोक्ति → राम नाम जपना पराया माल अपना
- अर्थ → ऊपर से महात्मा असल में ठग
- लोकोक्ति → लातों के भूत बातों से नहीं मानते
- अर्थ → कामचोरों काम करवाने के लिए कड़ाई से पेश आना पड़ता है
- लोकोक्ति → नेकी और पूछ-पूछ
- अर्थ → भलाई के काम करने में कैसी पूछताछ
- लोकोक्ति → पाँचों अँगुलियाँ बराबर नहीं होती
- अर्थ → सभी इंसान एक जैसे नहीं होते
- लोकोक्ति → नौ दिन चले अढ़ाई कोस
- अर्थ → धीमी गति से काम करना
- लोकोक्ति → नाम बड़े और दर्शन छोटे
- अर्थ → प्रसिद्धि बहुत किन्तु वास्तविकता में कुछ भी न होना
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